Tuesday 19 November 2013

Career


कैरियर  बनाने  कि  उमीद  से  आये  थे,
कैरियर  तो  बना  ही  लिया,
पर  साथ  साथ  बहुत  से  अनमोल  रिश्ते  और  यादें  भी  साथ  ले   आये ,
सोचते  थे  12 घंटे  (8 am
से 8 pm) केसे  गुजरेंगे  एक   ही  जगह ,
लेकिन ,
नितिन  सर  के  C++ ,जावा  लेक्टरस
में,
केतकी  मैम   के  लोगिक  में ,
पंग़ाम सर  के  डेटाबेस  लेक्टरस
में,
महेश   सर  के  प्रोग्रामिंग  से ,
विक्रम  सर  के  ग्रूमिंग  से ,
कब  १२  घंटे  गुजर  जातें  थे , कभी  पता  ही   नहीं   चला ...

वो  जन्मदिन  के  जश्न ,
तो  कभी  त्योहवार  का  एक  परिवार  की  तरह  मनाना ,
इन  सब  के  साथ  6 महीने 
यू   हस्ते -खेलते , नाचते -गाते गुजर  गए
वीटा  के  सिवा  ये  मुमकिन  और कहा
 हो सकता था
...
सोचते थे अनजान शहर में
 केसे रहपाएंगे घरवालो के बिना
नए दोस्तों, अनजान  लोगो के साथ ने
 पूजा मैम  कि ममता ने
सविता मैम  के  प्यार ने
निधि मैम  की  देखबाल से
और साथियों दोस्तों का जब साथ मिला
तो ये अनजान शहर भी अपना सालगने लगा

 प्लेसमेंट का टेंशन और उसकी तैयारी
प्रैक्टिकल एक्साम्स की  पढाई, असाइनमेंट्स के स्ट्रेस से
 दूर ग्रुप  पिकनिक  तो कभी पार्टी से...  
अच्छा  और  क्या  हो  सकता  है  और  क्या ...

बस  इन्ही  यादों  में  6 महीने  कब  गुजर  गए ,
और  हम  भी   इस   VITA  परिवार  के  एक  सदस्य  बन  गए ..

VITA